Divorce Judgement : वर्तमान समय में शादी सिर्फ अपनी इच्छाओं की पूर्ति का एक जरिया बनकर रह गया है ! वर्तमान में शादियां आज के समय में शादियां सिर्फ पैसा कमाने का जरिया बन चुके हैं पहले कहां जाता था की शादी एक ऐसा बंधन है जिसमें दो लोग एक दूसरे का साथ जीवन भर निभाने की कसमें खाते हैं यहां तक की मुश्किल समय में एक दूसरे के साथ खड़े रहने का वादा करते लेकिन आज के समय में यह वादे सिर्फ दीपावली दिखावटी तौर पर रह गए हैं जिसकी वजह से तलाक जैसे शब्द बड़ी आसानी से सुनने को मिलते हैं !
पति-पत्नी के बीच की बहस आज तलाक का कारण बन जाती है ! आए दिन कई नई खबरें टीवी और सोशल मीडिया पर देखने को मिलती हैं ! जिसमें आपस में ना म बन पाने पर तलाक ले लिया जाता है ! और पति को भारी भरकम रकम चुकानी पड़ती है ! हाल ही में भारत की न्यायपालिका ने वैवाहिक मामलों में एक ऐतिहासिक फैसला सुनाया है ! जो विवाह संस्था की गरिमा को रक्षा करते हुए कानून के दुरुपयोग का सख्त संदेश देता है! यह फैसला हजारों पुरुषों के लिए रहता है जो झूठे आरोपों का सामना कर रहे हैं !
Divorce Judgement के बाद नहीं मिलेंगे पैसे ?
यह निर्णय न केवल पुरुषों को न्याय दिलाने की दिशा में एक बड़ा कदम है ! हाल ही में चीन में एक संशोधित कानून पेश किया गया है ! यह कानून उन जोड़ों के लिए है जो अपने विवाह को पंजीकृत करना आसान बना देगा ! लेकिन तलाक के लिए आवेदन करना कठिन बनाने वाला है ! चीन के कानून के द्वारा चीन के चीन के द्वारा लिए गए इस फ़ैसले को इंटरनेट पर काफी आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है ! यह शीर्ष ऑनलाइन सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर काफी ट्रेडिंग विषय बना हुआ है !
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भारत में क्या होगा यह कानून लागू
वैवाहिक कानून की समीक्षा और सुधार की लगातार उठाती मांग के बीच अगर यह फैसला भारत में भी लागू होता है ! तो एक बड़ा मिसाल बन सकता है ! यह उस सामाजिक सोच को भी झटका देता है जिसने यह मान लिया है कि तलाक के बाद पत्नी को हर साल पति की आय से गुजारा भत्ता मिलेगा !और उसकी संपत्ति पर भी अधिकार होगा ! Divorce Judgement
भारत में वैवाहिक तलाक के बाद पति-पत्नी को देता है ! जिसे वैवाहिक सहायता कहा जाता है , इस का मुख्य उद्देश्य पत्नी को तलाक के बाद अपना आर्थिक रूप से जीवन स्तर को बनाए रखने में काफी सहायता करता है ! यह हिंदू विवाह अधिनियम 1955 1869 जैसे विभिन्न कानूनों है !