देश में पेट्रोल और डीज़ल की कीमतों में जल्द ही बड़ी राहत मिल सकती है। केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने संकेत दिए हैं कि अगर अगले दो-तीन महीने तक अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें स्थिर रहीं, तो भारत में ईंधन की कीमतें कम हो सकती हैं।
तेल आयात रणनीति में बड़ा बदलाव
मंत्री पुरी ने कहा कि भारत ने अपनी तेल आयात नीति में बड़ा बदलाव करते हुए तेल आपूर्ति के स्रोतों को 27 देशों से बढ़ाकर 40 देशों तक कर दिया है। इस रणनीतिक विविधीकरण ने न केवल भारत को ऊर्जा सुरक्षा प्रदान की है, बल्कि वैश्विक दबावों के बीच रियायती दरों पर तेल खरीदने की आज़ादी भी दी है।
कीमतों में गिरावट की उम्मीद क्यों?
वर्तमान में, ब्रेंट क्रूड की अंतरराष्ट्रीय कीमत 68.96 डॉलर प्रति बैरल के आसपास बनी हुई है, जो भारत के लिए एक अनुकूल स्तर माना जा रहा है। भारत ने रूस, ब्राज़ील, कनाडा और गुयाना जैसे देशों से कच्चे तेल का आयात बढ़ाकर अपने स्रोतों में विविधता लाई है, जिससे आपूर्ति में स्थिरता सुनिश्चित हुई है।
इसके साथ ही, देश में घरेलू तेल अन्वेषण और उत्पादन को भी सक्रिय रूप से बढ़ावा दिया जा रहा है। अगर अगले कुछ महीनों तक अंतरराष्ट्रीय कीमतें इसी स्तर पर रहीं, तो आगामी तिमाही में पेट्रोल और डीज़ल की कीमतों में कमी आने की पूरी संभावना है।
पुरी ने कहा, “हमारे पास पर्याप्त तेल है। अगर कुछ होता है, तो हम उससे निपट लेंगे।” उन्होंने यह भी कहा कि भारत की तेल बाज़ार में हिस्सेदारी 16% से बढ़कर 25% हो सकती है।
रूस से आयात और अमेरिका की चेतावनी
भारत अपनी ज़रूरत का 85% से ज़्यादा कच्चा तेल आयात करता है। परंपरागत रूप से पश्चिम एशिया इसका मुख्य स्रोत रहा है, लेकिन पिछले तीन वर्षों में रूस एक प्रमुख आपूर्तिकर्ता के रूप में उभरा है। वर्तमान में, भारत के कुल तेल आयात का लगभग 40% रूस से आता है।
हाल ही में, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चेतावनी दी है कि अगर रूस 50 दिनों में यूक्रेन के साथ शांति समझौता नहीं करता है, तो रूस से आयात करने वाले देशों पर प्रतिबंध या उच्च शुल्क लगाए जा सकते हैं। इस पर पुरी ने कहा, “मुझे बिल्कुल भी चिंता नहीं है। अगर कुछ होता है, तो हम उससे निपट लेंगे।”
इंडियन ऑयल का बैकअप प्लान क्या है?
इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन के अध्यक्ष ए.एस. साहनी ने कहा कि यदि रूस से आपूर्ति बाधित होती है, तो भारत यूक्रेन युद्ध से पहले की आपूर्ति प्रणाली पर लौट सकता है, जब रूस से आयात 2% से भी कम था।