अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा लगाए गए टैरिफ को लेकर बढ़ते वैश्विक तनाव के बीच, भारत के लिए एक सकारात्मक खबर सामने आई है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, 29 अगस्त को समाप्त सप्ताह में देश का विदेशी मुद्रा भंडार 3.51 अरब डॉलर बढ़कर 694.23 अरब डॉलर हो गया।
इससे पहले सप्ताह में यह भंडार 4.386 अरब डॉलर घटकर 690.72 अरब डॉलर रह गया था। RBI ने कहा कि इस वृद्धि में विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियों की अहम भूमिका रही, जो 1.686 अरब डॉलर बढ़कर 583.937 अरब डॉलर हो गईं। डॉलर के अलावा, इन परिसंपत्तियों में यूरो, पाउंड और येन जैसी अन्य मुद्राओं में उतार-चढ़ाव का प्रभाव भी शामिल है।
गोल्ड भंडार और अन्य घटकों में भी वृद्धि
समीक्षाधीन सप्ताह में देश का स्वर्ण भंडार भी 1.766 अरब डॉलर बढ़कर 86.769 अरब डॉलर हो गया। इसके अलावा, विशेष आहरण अधिकार 4 करोड़ डॉलर बढ़कर 18.775 अरब डॉलर हो गए हैं। आईएमएफ में भारत का भंडार भी 18 मिलियन डॉलर बढ़कर 4.749 बिलियन डॉलर हो गया है।
अमेरिकी ट्रेजरी बिलों से हटकर सोने पर ध्यान बढ़ रहा है
यह रिपोर्ट ऐसे समय में आई है जब हालिया विश्लेषणों से संकेत मिलता है कि आरबीआई अब अमेरिकी ट्रेजरी बिलों के बजाय सोने की होल्डिंग पर ज़्यादा ध्यान केंद्रित कर रहा है। 27 जून, 2025 तक, भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में सोने की मात्रा बढ़कर 879.98 मीट्रिक टन हो गई है, जो पिछले साल 28 जून, 2024 को 840.76 मीट्रिक टन थी।
पाकिस्तान के विदेशी मुद्रा भंडार में भी मामूली वृद्धि
भारत के साथ-साथ पाकिस्तान के विदेशी मुद्रा भंडार में भी वृद्धि दर्ज की गई है। स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान (एसबीपी) के अनुसार, 29 अगस्त, 2025 को समाप्त सप्ताह में पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार 41.7 मिलियन डॉलर बढ़कर 19.65 बिलियन डॉलर हो गया। इसमें एसबीपी का हिस्सा 28.2 मिलियन डॉलर बढ़कर 14.3 बिलियन डॉलर हो गया।