बिहार में चुनाव आयोग द्वारा चलाए जा रहे स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) अभियान के बीच राजनीतिक घमासान तेज हो गया है। अब इस विवाद में पूर्व उपमुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव का नाम भी सामने आया है। आरोप है कि तेजस्वी यादव के पास दो अलग-अलग वोटर आईडी कार्ड हैं, जिसे लेकर चुनाव आयोग ने उन्हें नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
क्या है मामला?
तेजस्वी यादव ने हाल ही में आरोप लगाया था कि 1 अगस्त 2025 को प्रकाशित वोटर लिस्ट ड्राफ्ट में उनका नाम नहीं है। उन्होंने दावा किया कि उनका EPIC नंबर RAB2916120 वाला वोटर कार्ड गायब है, जिससे उन्होंने पिछले लोकसभा चुनाव में मतदान किया था। लेकिन चुनाव आयोग ने इस दावे को खारिज करते हुए कहा कि तेजस्वी का नाम EPIC नंबर RAB0456228 के साथ दीघा विधानसभा क्षेत्र की वोटर लिस्ट में दर्ज है। इससे यह सवाल उठता है कि तेजस्वी के पास दो अलग-अलग EPIC नंबर वाले वोटर कार्ड कैसे हैं, जबकि भारत में एक व्यक्ति के पास केवल एक वोटर आईडी कार्ड होना वैध है।
क्या कहता है कानून?
भारत के जन प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 के तहत, एक व्यक्ति के पास दो वोटर कार्ड होना गंभीर अपराध है। यदि कोई व्यक्ति जानबूझकर दो वोटर आईडी कार्ड रखता है या फर्जी दस्तावेजों के आधार पर दूसरा कार्ड बनवाता है, तो उस पर जुर्माना, जेल या दोनों की सजा हो सकती है। साथ ही, यह किसी नेता की चुनाव लड़ने की योग्यता को भी प्रभावित कर सकता है।
चुनाव आयोग के नियमों के अनुसार: एक व्यक्ति का नाम केवल एक विधानसभा क्षेत्र की वोटर लिस्ट में होना चाहिए। डुप्लीकेट एंट्री या दो EPIC नंबर होना गैरकानूनी है। धारा 17, 18 और 31 के तहत फर्जी जानकारी देना या दो वोटर कार्ड रखना दंडनीय अपराध है।
आयोग ने मांगा जवाब
चुनाव आयोग ने तेजस्वी यादव को नोटिस भेजकर पूछा है कि उनके पास दो EPIC नंबर कैसे हैं। आयोग ने यह भी संकेत दिया है कि EPIC नंबर RAB2916120 पिछले दस साल के रिकॉर्ड में नहीं मिला, जिससे यह फर्जी या अवैध प्रतीत होता है। तेजस्वी को अब यह साबित करना होगा कि दूसरा वोटर कार्ड तकनीकी त्रुटि या पुराना/डिएक्टिवेटेड है और उन्होंने इसका दुरुपयोग नहीं किया। लेकिन उन्होंने खुद प्रेस कॉन्फ्रेंस में दावा किया था कि उन्होंने इसी कार्ड से मतदान किया था, जिससे उनकी मुश्किलें और बढ़ गई हैं।
राजनीतिक प्रतिक्रिया
इस मामले को लेकर एनडीए के नेताओं ने चुनाव आयोग से तेजस्वी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग की है। बीजेपी ने इसे “चुनावी घोटाला” करार देते हुए तेजस्वी की उम्मीदवारी रद्द करने और वोटिंग अधिकार निलंबित करने की मांग की है। वहीं, आरजेडी और विपक्षी दल पहले SIR प्रक्रिया को लेकर चुनाव आयोग पर सवाल उठा रहे थे, लेकिन अब तेजस्वी खुद सवालों के घेरे में आ गए हैं।
आम नागरिक क्या करें?
अगर किसी आम नागरिक के पास गलती से दो वोटर कार्ड हैं, तो उन्हें तुरंत निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी (ERO) या बूथ लेवल ऑफिसर (BLO) से संपर्क करना चाहिए। फॉर्म 7 भरकर एक कार्ड को हटाने की प्रक्रिया शुरू की जा सकती है, ताकि कानूनी कार्रवाई से बचा जा सके।