सावन की अंतिम सोमवार पर खान सर की नई पहल, माथे पर त्रिपुंड लगाए खान सर ने ले लिया ये बड़ा फैसला!

देश के प्रसिद्ध शिक्षाविद और यूट्यूब पर लाखों छात्रों को मार्गदर्शन देने वाले खान सर सोमवार को जब त्रिपुंड धारण कर सार्वजनिक रूप से नजर आए, तो हर कोई चौंक गया। इस खास मौके पर उन्होंने अपने भावों को साझा करते हुए कहा, “मैं सभी धर्मों का सम्मान करता हूं। सावन का महीना मेरे लिए विशेष होता है, और आज की अंतिम सोमवारी मेरे लिए अत्यंत पावन है।”

इस मौके पर खान सर ने एक महत्वाकांक्षी सामाजिक योजना की घोषणा की। उन्होंने बताया कि वे बिहार के प्रत्येक जिले में जरूरतमंद लोगों के लिए डायलिसिस सेंटर और ब्लड बैंक की स्थापना करने जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस योजना का उद्देश्य समाज के सबसे कमजोर वर्गों को चिकित्सा सुविधाएं सुलभ कराना है।

गरीबों को मिलेगा मुफ्त या सस्ता इलाज

खान सर ने जानकारी दी कि उन्होंने जर्मनी से आधुनिक डायलिसिस मशीनें मंगवाई हैं। शुरुआती चरण में 10 मशीनें आ चुकी हैं, और आने वाले समय में कुल 200 मशीनें स्थापित करने की योजना है। उनका उद्देश्य है कि गरीब मरीजों को डायलिसिस जैसी महंगी प्रक्रिया मुफ्त या कम लागत पर उपलब्ध कराई जा सके।

उन्होंने कहा, “कई मरीजों को सिर्फ इस वजह से जान गंवानी पड़ी, क्योंकि उनके पास इलाज के पैसे नहीं थे। एक डायलिसिस मरीज को हर महीने 50-60 हजार रुपये तक खर्च करने पड़ते हैं, जो गरीब परिवारों के लिए असंभव होता है।”

ब्लड बैंक की स्थापना से बदलेगा परिदृश्य

खान सर ने बताया कि डायलिसिस सुविधाओं के साथ-साथ हर जिले में विश्वस्तरीय ब्लड बैंक की भी स्थापना की जाएगी। इसके लिए जापान से आधुनिक तकनीक वाली मशीनें मंगाई गई हैं। इस ब्लड बैंक का उद्घाटन नवरात्रि के पहले दिन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि उनका लक्ष्य ऐसा ब्लड बैंक बनाना है जो पूरे एशिया में उदाहरण बने।

उन्होंने कहा, “हमने कई बार देखा है कि ग्रामीण इलाकों के मरीज पटना, बनारस या दिल्ली में इलाज के दौरान रक्त की कमी का सामना करते हैं। किसी को खून की कमी से मरते देखना असहनीय होता है।”

अस्पतालों की योजना भी शामिल

खान सर ने बताया कि यह पहल केवल शुरुआत है। भविष्य में ये डायलिसिस सेंटर और ब्लड बैंक पूर्ण अस्पतालों में परिवर्तित किए जाएंगे, जहां गरीबों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मिल सकेंगी। उन्होंने कहा, “कई लोगों को हमने देखा है जो लाखों के मेडिकल बिल के नीचे दबकर टूट जाते हैं। हमारा उद्देश्य है कि किसी की जान सिर्फ इसलिए न जाए क्योंकि उसके पास इलाज के पैसे नहीं हैं।”

उन्होंने भारतीय संस्कृति के मूल सिद्धांत “वसुधैव कुटुंबकम” का हवाला देते हुए कहा कि यह उनकी सामाजिक जिम्मेदारी का हिस्सा है।

नीतीश सरकार की डोमिसाइल नीति पर प्रतिक्रिया

बिहार सरकार की नई डोमिसाइल नीति पर भी खान सर ने प्रतिक्रिया दी। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा घोषित इस नीति के तहत राज्य में शिक्षक बहाली के लिए अब केवल स्थानीय निवासियों को प्राथमिकता दी जाएगी।

खान सर ने कहा, “यह छात्रों की जीत है, लेकिन सरकार को यदि साथ ही सप्लीमेंट्री रिजल्ट भी जारी कर देना चाहिए था तो और अच्छा होता। टीआरई-3, 4, 5 और 6 में रिक्तियां मौजूद हैं, लेकिन कई उम्मीदवार सिर्फ परिणाम के अभाव में चयन से वंचित रह गए।”

उन्होंने यह भी कहा कि सरकार ने बहुत देर से छात्रों की मांग मानी। “8-9 महीने तक छात्र प्रदर्शन करते रहे, लाठीचार्ज झेला, और अब वही बातें मान ली गईं। इससे लगता है कि जानबूझकर देरी की गई,” उन्होंने कहा।

खान सर की अपील

खान सर ने अंत में राज्य सरकार से मांग की कि टीआरई-3 का सप्लीमेंट्री रिजल्ट जल्द जारी किया जाए, ताकि वे अभ्यर्थी जिनका यह अंतिम प्रयास था, वे भी शिक्षक बनने का सपना पूरा कर सकें।

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