लगातार न्यूज़ चैनल में ऐसा दिखाया जा रहा था कि कांग्रेस पार्टी सेना पर सवाल खड़ा कर रही है. लेकिन कांग्रेस देशवासियों के सामने हजार बार कह चुकी है कि हम सेना के ऊपर कोई भी सवाल खड़ा नहीं कर रहे बल्कि हम लोग तो सरकार से सवाल कर रहे हैं. लेकिन अब जब CDS का बयान सामने आया है दरअसल कॉउंसिल ऑफ डिफेंस स्टाफ के सिंगापुर में दिए गए बयान की काफी चर्चा होने लग गई है और अब इसी का जिक्र करते हुए मल्लिकार्जुन खरगे का भी कहना है कि पाकिस्तान के साथ हुए संघर्ष में भारतीय वायु सेवा को नुकसान हुआ है.
ऐसे में अब कांग्रेस पार्टी अध्यक्ष कारगिल कमेटी की तर्ज पर एक इंडिपेंडेंस कमेटी के माध्यम से ऑपरेशन सिंदूर की जांच करवाने की बात भी कह रहे हैं वहीं राहुल गांधी पहले ही सवाल में खड़ा कर चुके हैं कि पाकिस्तान के साथ हुए संघर्ष में भारत के कितने विमान का नुकसान हुआ था इसके बारे में सरकार को जानकारी भी देनी चाहिए। लेकिन अब CDS अनिल चौहान ने ही सिंगापुर में कहा दिया कि भारत ने अपनी गलतियों से सीखा और भारतीय सेवा पाकिस्तान की सीमा में 300 किलोमीटर अंदर तक हमला करने में सक्षम थी.
In the wake of the remarks made by the Chief of Defence Staff (CDS) in Singapore in an interview, there are some very important questions which need to be asked.
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The Modi Govt has misled the…
— Mallikarjun Kharge (@kharge) May 31, 2025
मल्लिकार्जुन खड़गे का सवाल?
सोशल मीडिया के माध्यम से मलिकाअर्जुन खरगे ने लिखा कि सिंगापुर में सीड्स के इंटरव्यू के बाद कुछ अहम सवाल भी सामने आ रहे हैं जिन्हें पूछा जाना भी बेहद जरूरी है इसलिए सरकार को तुरंत संसद का विशेष शास्त्र बुलाना चाहिए उन्होंने आरोप लगाया है कि मोदी सरकार देश को लगातार घूमराह कर रही है और सेना की वीरता का श्रेय पीएम मोदी ले रहे हैं इसके साथ ही डोनाल्ड ट्रंप के दावों की हकीकत भी सामने लाने की बातें भी कहीं जा रही है.
मल्लिकार्जुन लड़के यह भी लिखते हैं कि वह भारतीय सेना की बहादुरी और पराक्रम का काफी सम्मान करते हैं लेकिन इस मामले में जांच होनी बेहद जरूरी है क्योंकि 140 करोड़ देशभक्त को सच जानने का पूरा हक है.
मल्लिकार्जुन खड़गे का कहना है कि ऑपरेशन सिंदूर की जांच के लिए कारगिल की तर्ज पर निष्पक्ष समिति का गठन होना चाहिए जिससे यह साफ हो जाएगा कि ऑपरेशन के लिए सेना कितनी तैयार थी और इस दौरान कितना नुकसान हुआ है.
वहीं अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के सीजफायर करवाने के दावे को फिर से दोहराया गया यह शिमला समझौते का सीधा अपमान है जांच समिति इसकी भी हकीकत सामने लेकर आएगी।