पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ की कथित अनुपस्थिति को लेकर राजनीतिक हलकों में चिंता बढ़ती जा रही है। राज्यसभा सांसद और वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने इस मुद्दे को सार्वजनिक रूप से उठाते हुए कहा कि धनखड़ ने 22 जुलाई को उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा दिया था, लेकिन 9 अगस्त तक उनकी कोई जानकारी सामने नहीं आई है।
कपिल सिब्बल ने इस स्थिति पर व्यंग्य करते हुए कहा, “हमने तो ‘लापता लेडीज’ के बारे में सुना था, लेकिन ‘लापता वाइस प्रेसिडेंट’ के बारे में पहली बार पता लगा है।” उन्होंने विपक्षी दलों से अपील की कि वे धनखड़ की सुरक्षा को लेकर गंभीरता दिखाएं।
सिब्बल ने बताया कि उन्होंने इस्तीफे के बाद पहले दिन धनखड़ के निजी सचिव से संपर्क किया था, जिन्होंने बताया कि वे आराम कर रहे हैं। इसके बाद से कोई संवाद नहीं हुआ, न ही उनकी लोकेशन या स्वास्थ्य को लेकर कोई आधिकारिक सूचना मिली है।
उन्होंने सवाल उठाया कि क्या अब हैबियस कॉर्पस याचिका दायर करनी पड़ेगी। सिब्बल ने यह भी कहा कि धनखड़ उनके करीबी मित्र रहे हैं और उन्होंने कई कानूनी मामलों में साथ काम किया है। “अगर हमें एफआईआर दर्ज करानी पड़ी तो यह अच्छा नहीं लगेगा,” उन्होंने कहा।
सिब्बल ने सरकार पर तंज कसते हुए कहा, “आप बांग्लादेशियों को तो एक जगह से दूसरी जगह खोज लेते हैं, मुझे यकीन है कि आप उन्हें भी ढूंढ लेंगे।” उन्होंने यह भी बताया कि धनखड़ अपने आधिकारिक आवास पर भी नहीं हैं और उन्होंने व्यक्तिगत रूप से मिलने की इच्छा जताई।
संजय राउत ने अमित शाह को लिखा पत्र
इस बीच, शिवसेना (उद्धव गुट) के नेता संजय राउत ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर धनखड़ की स्थिति पर स्पष्टता मांगी है। उन्होंने दावा किया कि उनसे संपर्क करने के सभी प्रयास विफल रहे हैं।
राउत ने 10 अगस्त को लिखे पत्र में कहा, “हमारे पूर्व उपराष्ट्रपति के बारे में कोई जानकारी नहीं है। वह वर्तमान में कहां हैं? उनका स्वास्थ्य कैसा है? इन मामलों पर कोई स्पष्टता नहीं है।” उन्होंने यह पत्र सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर साझा किया।
इस पूरे घटनाक्रम ने राजनीतिक गलियारों में हलचल पैदा कर दी है और अब सभी की निगाहें सरकार की प्रतिक्रिया पर टिकी हैं।