लोन नहीं भरने के कारण पत्नी को ले गए रिकवरी एजेंट? बुलानी पड़ गई पुलिस, फिर हुआ समाधान…

मोंठ थाना क्षेत्र के बम्हरौली गाँव स्थित एक निजी समूह के ऋण देने वाले बैंक में एक महिला को कथित तौर पर घंटों बंधक बनाए रखने का मामला सामने आया है। आरोप है कि बैंक कर्मचारियों ने महिला को तब तक नहीं छोड़ा जब तक उसके पति ने बकाया ऋण राशि जमा नहीं कर दी। इस घटना से स्थानीय स्तर पर हड़कंप मच गया और पुलिस के हस्तक्षेप के बाद महिला को मुक्त कराया गया।

क्या है पूरा मामला?

पूंछ निवासी रविंद्र वर्मा ने पुलिस को बताया कि उनकी पत्नी पूजा वर्मा को सोमवार दोपहर 12 बजे से बैंक में जबरन बैठाए रखा गया। बैंक कर्मचारियों ने कथित तौर पर कहा, “पहले पैसे दो, फिर पत्नी को ले जाओ।”

जब रविंद्र ने किश्त जमा करने के लिए समय माँगा, तो बैंक ने मना कर दिया। मजबूरन उन्हें 112 नंबर पर पुलिस को सूचना देनी पड़ी, जिसके बाद पीआरवी टीम मौके पर पहुँची और महिला को बाहर निकाला।

महिला की शिकायत

पूजा वर्मा ने कोतवाली मोंठ में लिखित शिकायत दी, जिसमें उन्होंने बताया कि उन्होंने बैंक से ₹40,000 का पर्सनल लोन लिया था, जिसकी मासिक किस्त ₹2,120 थी।

महिला ने अपनी शिकायत में बताया कि उसने अब तक कुल 11 किस्तें जमा की थीं, लेकिन जब बैंक रिकॉर्ड चेक किया गया तो उसमें केवल 8 किस्तें ही दर्ज थीं। इस अनियमितता पर गंभीर आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि बैंक एजेंट कौशल और धर्मेंद्र ने उनकी तीन किस्तों की राशि बैंक में जमा नहीं की और गबन कर लिया। इससे न केवल उनके लोन की स्थिति प्रभावित हुई, बल्कि मानसिक तनाव भी बढ़ा।

इस मामले पर बैंक का पक्ष

बैंक मैनेजर अनुज कुमार ने आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि महिला पिछले 7 महीनों से किस्त जमा नहीं कर रही थी, इसलिए उसे बुलाया गया था। उन्होंने दावा किया कि महिला स्वेच्छा से अपने पति के साथ बैंक आई थी और उसे जबरन नहीं रोका गया था।

पुलिस जांच और मामले में समझौता

पुलिस ने दोनों पक्षों को थाने बुलाकर पूछताछ की। फिलहाल दोनों पक्षों के बीच समझौता हो गया है। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है और बैंक कर्मचारियों के व्यवहार की भी समीक्षा की जा रही है।

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