आखिर क्यों जरूरी था पाकिस्तान को सबक सिखाना, कांग्रेस नेता ने बता दिया …

गुयाना यात्रा के बाद पनामा पहुंचे भारतीय संसदीय प्रतिनिधिमंडल ने ऑपरेशन सिंदूर (Operation Sindoor) की आवश्यकता को गंभीरता से उठाया और भारत में लगातार हो रहे आतंकवादी हमलों के लिए पाकिस्तान को कठघरे में खड़ा किया। कांग्रेस सांसद डॉ. शशि थरूर (Shashi Tharoor) के नेतृत्व में इस प्रतिनिधिमंडल ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से इस मुद्दे पर सख्त रुख अपनाने की अपील की।

Shashi Tharoor ने कहा, “लगभग 40 वर्षों से भारत आतंकवाद का शिकार बनता आ रहा है। 1989 में शुरू हुए हमलों से लेकर आज तक हमने कई निर्दोष नागरिकों को खोया है। अब यह हमारे लिए स्वीकार्य नहीं कि हम सिर्फ पीड़ा सहें और दुनिया से कहें कि हमारी मदद करो। अब समय है कि हम न्याय और जवाबदेही की मांग करें।”

उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से आग्रह किया कि वे आतंकवाद को पनाह देने वालों की पहचान कर उन्हें न्याय के कटघरे में लाने के लिए दबाव बनाएं। “हम सिर्फ अपनी पीड़ा बताने नहीं आए हैं, हम ठोस कार्रवाई चाहते हैं,” उन्होंने कहा।

क्यों जरूरी है ऑपरेशन सिंदूर: Shashi Tharoor

Shashi Tharoor ने ऑपरेशन सिंदूर (Operation Sindoor) की पृष्ठभूमि और आवश्यकता पर विस्तार से बात की। उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री ने बिल्कुल स्पष्ट कर दिया था कि यह ऑपरेशन जरूरी है। आतंकवादियों ने 26 विवाहित महिलाओं की मांग का सिंदूर छीन लिया, उनके पतियों और परिवारों को उनसे छीन लिया… यह केवल हत्या नहीं, मानवीय त्रासदी है।”

उन्होंने बताया कि कुछ महिलाओं ने रोते हुए कहा कि उन्हें भी मार दिया जाए, लेकिन आतंकवादियों ने उन्हें छोड़ दिया और कहा कि जाओ दुनिया को बताओ कि तुम्हारे साथ क्या हुआ। “हमने उन औरतों की चीखें सुनी हैं। भारत ने तय किया कि अब सिंदूर का रंग हत्यारों के खून से मेल खाएगा,” थरूर ने कहा।

पाक को बेनाकाब करने वाले प्रतिनिधिमंडल में कौन-कौन?

इस प्रतिनिधिमंडल में कई प्रमुख नेता शामिल हैं: सरफराज अहमद (झारखंड मुक्ति मोर्चा), जी एम हरीश बालयोगी (तेलुगु देशम पार्टी), शशांक मणि त्रिपाठी (भारतीय जनता पार्टी), भुवनेश्वर कलिता (भारतीय जनता पार्टी), मिलिंद देवरा (शिवसेना), तेजस्वी सूर्या (भारतीय जनता पार्टी), और अमेरिका में भारत के पूर्व राजदूत तरनजीत संधू।

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