वृद्धाश्रम से आया हैरान कर देने वाला मामला, 39 बुजुर्गों को…: नोएडा सेक्टर 55 स्थित आनंद निकेतन वृद्धाश्रम में बुजुर्ग महिला के हाथ बंधे होने का वीडियो गुरुवार को लखनऊ राज्य महिला आयोग तक पहुंच गया। आयोग की सदस्य डॉ. मीनाक्षी भराला दोपहर में जिला समाज कल्याण, प्रोबेशन विभाग और महिला सुरक्षा टीम के साथ वृद्धाश्रम पहुंचीं और 39 बुजुर्गों को मुक्त कराया।
उन्होंने बुजुर्गों के साथ हो रहे अमानवीय व्यवहार पर नाराजगी जताई। उन्होंने अगले पांच दिन में सभी बुजुर्गों को शिफ्ट करने और वृद्धाश्रम को सील करने के निर्देश दिए। तीनों बुजुर्गों का इलाज सरकारी अस्पताल में कराने पर जोर दिया गया।
इस संबंध में राज्य महिला आयोग को पत्र भी लिखा गया है। उधर, वृद्धाश्रम प्रबंधन से फोन और व्हाट्सएप के जरिए संपर्क करने का प्रयास किया गया, लेकिन उनका पक्ष नहीं मिल सका। नोएडा सेक्टर 55 में जन कल्याण ट्रस्ट का आनंद निकेतन वृद्धाश्रम नाम से वृद्धाश्रम है। तीन मंजिला इमारत में 39 बुजुर्ग रह रहे हैं।
गुरुवार को प्रसारित वीडियो में एक महिला स्टाफ से कह रही है कि बुजुर्ग के हाथ कपड़े से बंधे हैं। इस पर स्टाफ कह रहा है कि मानसिक रूप से बीमार व्यक्ति को एक घंटे भी संभालना मुश्किल है। तकिए का कवर और कपड़े फाड़ने पर उनके हाथ बांध दिए गए। स्टाफ नौकरी छोड़ने की धमकी भी दे रहा है।
एक्स पर यह वीडियो पोस्ट होने के बाद लखनऊ राज्य महिला आयोग तक पहुंच गया। विभागीय जांच के बाद कार्रवाई की जाएगी। इसका संज्ञान लेते हुए मौके पर पहुंची आयोग की सदस्य डॉ. मीनाक्षी भराला ने बताया कि वृद्धाश्रम के निरीक्षण में कई खामियां मिली हैं। तीन बुजुर्गों की हालत खराब मिली। उन्हें नशीला पदार्थ देकर बंधक जैसे हालात में रखा गया था। उनके साथ अमानवीय व्यवहार किया जा रहा था।
बुजुर्गों को लंबे समय से स्वास्थ्य सेवाएं नहीं मिल रही थीं, पहनने के लिए कपड़े नहीं थे, चादरें नहीं थीं, जो बड़ी लापरवाही है। इस मामले में संबंधित विभागीय अधिकारियों से जांच कराकर कार्रवाई की जाएगी। वृद्धाश्रम को जल्द ही सील कर दिया जाएगा।
आयोग की सदस्य डॉ. मीनाक्षी भराला ने बताया कि यह वृद्धाश्रम वर्ष 1994 से चल रहा है। शुरुआती जांच में कर्मचारी कोई दस्तावेज नहीं दिखा सके। ऐसा लग रहा है कि वृद्धाश्रम बिना रजिस्ट्रेशन के चल रहा है। जल्द ही इसे सील कर दिया जाएगा।
मानकों के बिना वृद्धाश्रम को चलने नहीं दिया जाएगा। टीम की शुरुआती जांच में पता चला है कि रजिस्ट्रेशन के नाम पर ढाई लाख रुपये लिए जाते हैं और 10 से 12 हजार रुपये प्रतिमाह फीस ली जाती है।