नोएडा-एनसीआर में जहां बड़े और निजी अस्पतालों में इलाज महंगा होता जा रहा है, वहीं सेक्टर-39 स्थित जिला अस्पताल ने एक नई मिसाल पेश की है। यहां मरीजों को सिर्फ ₹1 में विशेषज्ञ डॉक्टरों की निगरानी में गंभीर बीमारियों का इलाज मिल रहा है।
डायरिया, टाइफाइड और वायरल फीवर जैसी मौसमी बीमारियों के बीच यह अस्पताल मिडिल क्लास और गरीब तबके के लिए किसी वरदान से कम नहीं है। अस्पताल की ओपीडी में रोजाना करीब 3,500 मरीज इलाज के लिए पहुंचते हैं.
अस्पताल के सीएमएस डॉ. अजय राणा ने बताया कि मरीजों की संख्या बढ़ने के बावजूद त्वचा रोग, ईएनटी, और बाल रोग जैसे विभागों में विशेषज्ञ डॉक्टर नियमित रूप से उपलब्ध हैं। कई ऑपरेशन भी बेहद कम खर्च में किए जा रहे हैं.
डॉ. राणा ने शासन से हृदय रोग, मस्तिष्क संबंधी समस्याएं, और अन्य जटिल बीमारियों के लिए सुपर स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की मांग की है। फिलहाल अस्पताल में दो रेडियोलॉजिस्ट हैं और अल्ट्रासाउंड की सुविधा सीमित समय के लिए उपलब्ध है.
नोएडा के जिला अस्पताल में मरीजों की लगातार बढ़ती संख्या को देखते हुए टोकन सिस्टम लागू किया गया है, जिससे व्यवस्था को पारदर्शी और प्रभावी बनाया जा सके। इस नई प्रणाली के तहत प्रतिदिन 100 मरीजों को टोकन जारी किए जाएंगे, जबकि कुल 160 मरीजों की जांच की जाएगी, जिनमें 60 मरीज वे होंगे जो पहले से अस्पताल में भर्ती हैं या जिन्हें इमरजेंसी में चिकित्सीय देखभाल की आवश्यकता है।
टोकन का रंग हर दूसरे दिन बदला जाएगा जैसे पहले दिन हरा और अगले दिन नारंगी। ताकि किसी भी कर्मचारी द्वारा निजी परिचितों को बिना नंबर अंदर भेजने की संभावना समाप्त की जा सके।
पर्ची काटने की प्रक्रिया सुबह 8 बजे से दोपहर 1:30 बजे तक संचालित होती है, और डॉक्टर दोपहर 2 बजे तक मरीजों की जांच करते हैं। इस नई व्यवस्था से मरीजों को अधिक सुविधा मिलेगी, साथ ही उन्हें लंबी कतारों में इंतजार नहीं करना पड़ेगा, जिससे इलाज की प्रक्रिया अधिक सुचारू और सुलभ बन सकेगी।